चोपटा क्षेत्र में जोरदार आंधी से जनजीवन अस्त व्यस्त, गेहूं की तूड़ी उड़ी, कपास की फसल को नुकसान,

 


चोपटा।  राजस्थान की सीमा से सटे चोपटा क्षेत्र में शनिवार शाम को आई तेज आंधी से खेतों में काम कर रहे किसानों का कार्य ठप हो गया। इसके साथ ही  रेतीले क्षेत्रों मे कपास की फसल को काफी नुकसान हुआ है।  लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया। 





आंधी से रेतीले क्षेत्र में कपास की फसल भी खराब हो गई। क्षेत्र के कागदानाकुम्हारियाखेड़ी गुसाई आनाराजपुरा जसानियारामपुरा नवाबादचाहरवालाजोगीवाला, शाहपुरिया सहित कई गांवों में शनिवार शाम को अचानक तेज आंधी चलने से देसी कपास में नरमे की फसल पर विपरीत प्रभाव पड़ा। किसान मनीराममहेंद्र सिंहजगदीशराम कुमारसरवन कुमार अचानक मौसम में आए बदलाव से किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें खिंच गई। 



किसान महेंद्र सिंहजगदीशरामकमार सुभाष चंद्ररामदयाल ने बताया कि शाम को जोरदार आंधी चलने लगी जिससे गेहूं की तूड़ी हवा में उड़ने लगी । 



किसान इस समय गेहूं की कटाई और कढ़ाई में लगे हुए हैं और गेहूं का भूसा एकत्रित करने में जुटे हुए हैं लेकिन आंधी से गेहूं की तूड़ी उड़ने से किसानों को नुकसान हो रहा है। उधर किसान जगदीशमनीराम का कहना है कि आंधी से नई बिजाई की हुई कपास व नरमे की फसल को भी काफी नुकसान हुआ है। रेतीले इलाकों में नरमा कपास के पौधे रेत में दब गए। जिससे उन्हें विजाई दोबारा करनी पड़ सकती है। उन्होंने बड़ी मुश्किल से महंगे दामों पर बीज लाकर बिजाई की थी लेकिन आंधी ने खराब कर दिया। ने बताया कि तेज आंधी से कपास व नरमे के पौधे रेत में दब गए। तथा गर्म हवा से पौधे जुलस कर नष्ट हो गए।  उनका कहना है कि सरकार द्वारा नहरी पानी में कटौती करने के बाद बड़ी मुश्किल से कपास व नरमे की बिजाई की थी लेकिन कुदरत की मार ने सब कुछ चौपट कर दिया। 



किसानों का कहना है कि सरकार व प्रकृति की दोहरी मार के आगे अब तो खेती करना घाटे का सौदा हो गया है। किसानों ने बताया कि सरकार द्वारा नहरी पानी में बार बार कटौती करके किसानों को लगातार झटका दिया जा रहा है। किसान सरकार व प्रकृति की मार के आगे बेबस नजर आ रहे हैं

फोटो। चोपटा क्षेत्र में चल रही जोरदार आंधी

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