Hindi Sahitya: वास्तविकता की सामाजिक संरचना का वर्णन करें ?

                     



        Hindi Sahitya:   इस इकाई में हम यह समझने का प्रयास करेंगे कि सही मायने में 'वास्तविकता' के 'सामाजिक निर्माण' से क्या आशय है।


 इन शब्दों से हमारा क्या अर्थ है। वास्तविकता की सामाजिक संरचना से तात्पर्य विभिन्न प्रकार के सामाजिक पहलुओं को देखने के और उसे विकसित करने के समाज के सामर्थ्य को कहा जाता है, ताकि सामाजिक व्यवस्था बनी रहती है।


 सामाजिक वास्तविकताओं का निर्माण तभी होता है, जब समाज में नए सदस्य इन्हें अपनाना शुरू कर देते हैं। जीवन में ऐसे कई महत्त्वपूर्ण क्षेत्र है,


 जैसे आर्थिक, राजनीतिक, मनोवैज्ञानिक और धार्मिक जिनमें नई पीढ़ी के सदस्यों को विशिष्ट तरीकों से व्यवहार करने का प्रशिक्षण देकर इनमें से प्रत्येक को एक दूसरे के साथ जोड़ने का प्रयास किया जाता है।


 सामाजिक वास्तविकता का आंतरिकीकरण वस्तु निष्ठ एवं विषयनिष्ठ दोनों प्रकार का होता है और यह मनुष्य और उसकी सामाजिक संरचना के बीच द्वंद्व के रूप में होता है। 



वास्तविकता के सभी प्रकार के विवरण एक प्रकार के ही होते हैं। इनकी अभिव्यक्ति में बहुधा काफी अंतर होता है। यहाँ तक कि ये सामाजिक अव्यवस्था और विघटन के समय भी मौजूद रहती है।


 इस इकाई में हम वास्तविकता, सामाजिक निर्माण, भाषा, वैधता, समाजीकरण वास्तविकता के बीच संबंध तथा निर्माण का अध्ययन करेंगे।

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