हरियाणा सरकार ने कलायत के तहसीलदार दिनेश ढिल्लो को गंभीर प्रशासनिक लापरवाही और रिश्तेदारों को लाभ पहुंचाने के आरोप में निलंबित कर दिया है।
यह कार्रवाई अतिरिक्त उपायुक्त की जांच रिपोर्ट में आरोप सिद्ध होने के बाद की गई। यह आदेश वित्त आयुक्त एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा द्वारा 1169-ई-5-2025/4535 चंडीगढ़ के तहत जारी किया गया। निलंबन के दौरान तहसीलदार की तैनाती मंडलायुक्त कार्यालय, सिरसा में रहेगी। सरकार ने तहसीलदार पर विभागीय जांच के आदेश भी जारी किए हैं। आदेश के अनुसार, दिनेश ढिल्लो हरियाणा सिविल सेवा नियम (सामान्य), 2016 के नियम 83 के तहत निर्वाह भत्ते के पात्र रहेंगे। यह भत्ता उस वेतन के बराबर होगा, जो वह अर्ध वेतन पर अवकाश लेने की स्थिति में प्राप्त करते हैं। इसके लिए उन्हें यह प्रमाण देना होगा कि वह इस अवधि में किसी अन्य रोजगार, व्यवसाय या पेशे में संलग्न नहीं हैं। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय उपायुक्त कार्यालय सिरसा रहेगा। वह उपायुक्त की अनुमति के बिना मुख्यालय नहीं छोड़ सकेंगे।
पूरा मामला गांव चौशाला की एक महिला की शिकायत से जुड़ा:
पूरा मामला गांव चौशाला की एक महिला की शिकायत से जुड़ा है। महिला ने आरोप लगाया था कि एक दिसंबर 2017 को उसके पति की मौत के बाद उसका परिवार जमीन पर खेती कर रहा है। हलका कानूनगो और पटवारी ने मौके का मुआयना कर रिपोर्ट नायब तहसीलदार को दी थी। लेकिन तहसीलदार दिनेश ढिल्लो ने पेन से कटिंग कर रिपोर्ट में बदलाव कर दिया। नायब तहसीलदार के हस्ताक्षर भी काट दिए। इसके बाद रिपोर्ट रिश्तेदारों के पक्ष में बनाकर एसडीएम कार्यालय भेज दी गई।
अतिरिक्त उपायुक्त द्वारा तहसीलदार के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की थी:
अतिरिक्त उपायुक्त द्वारा की गई जांच में यह तथ्य सामने आए। इसके आधार पर डीसी प्रीति ने 10 मार्च को वित्तायुक्त राजस्व एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव हरियाणा को पत्र भेजकर तहसीलदार के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की थी। इसमें निलंबन की मांग भी की गई थी। यह पत्र अब आरटीआई के माध्यम से सामने आया है।
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