सीडीएलयू, सिरसा में खुलेगा ₹3.28 करोड़ की लागत से कॉमन इन्क्यूबेशन सेंटर, युवाओं और किसानों को मिलेगा लाभ

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चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय (सीडीएलयू), सिरसा एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि की ओर अग्रसर है। भारत सरकार के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की प्रोजेक्ट एग्जीक्यूटिव कमेटी ने प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम औपचारिकीकरण योजना के तहत लगभग ₹3.28 करोड़ की लागत से विश्वविद्यालय में कॉमन इन्क्यूबेशन सेंटर (CIC) स्थापित करने की सिफारिश की है।

यह सिरसा जिले में अपनी तरह का पहला सरकारी प्रायोजित केंद्र होगा जो स्थानीय रोजगार, खाद्य सुरक्षा और उद्यमिता को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।

शिक्षा से उद्यमिता तक: सीडीएलयू का नया मील का पत्थर

इस ऐतिहासिक पहल की जानकारी देते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विजय कुमार ने बताया कि यह सेंटर केवल विश्वविद्यालय तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे सिरसा जिले के युवाओं, महिलाओं, किसानों और स्टार्टअप्स के लिए वरदान सिद्ध होगा।

उन्होंने कहा कि यह सेंटर न केवल रोजगार व स्वरोजगार के अवसर देगा बल्कि स्थानीय उत्पादों की ब्रांडिंग और मार्केटिंग में भी सहायता करेगा। मंत्रालय की ओर से इस सिफारिश की पुष्टि गुरुवार शाम ईमेल के माध्यम से की गई।

परियोजना निदेशक डॉ. मंजू नेहरा की भूमिका

इस सेंटर की परियोजना निदेशक डॉ. मंजू नेहरा, जो सीडीएलयू के खाद्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर हैं, ने बताया कि इस सेंटर को सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट हार्वेस्ट इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, लुधियाना के मेंटरशिप में विकसित किया जाएगा।

डॉ. नेहरा ने कहा, "यह केवल एक उत्पादन इकाई नहीं होगी, बल्कि प्रशिक्षण, गुणवत्ता नियंत्रण, फूड टेस्टिंग, और उद्यमिता विकास के लिए एक व्यापक मंच होगा।"

अत्याधुनिक प्रसंस्करण लाइनें और फूड टेस्टिंग लैब

केंद्र में तीन अत्याधुनिक खाद्य प्रसंस्करण लाइनें स्थापित की जाएंगी जिनमें मुख्य रूप से डेयरी, बेकरी और फल-सब्ज़ी प्रसंस्करण शामिल होंगे। साथ ही, एक उच्च स्तरीय फूड टेस्टिंग लैब भी स्थापित की जाएगी।

केंद्र हैंड्स-ऑन प्रशिक्षण प्रदान करेगा ताकि छात्र और स्थानीय उद्यमी व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त कर सकें।

स्थानीय उत्पाद, स्थानीय सशक्तिकरण

यह सेंटर विशेष रूप से हरियाणा के स्थानीय फसलों और फलों पर आधारित उत्पादों के विकास को बढ़ावा देगा। इसमें मोटा अनाज (जैसे बाजरा, कोदो, क्विनोआ), दालें, और स्थानीय फल जैसे आंवला, किन्नू, बेर से रेडी-टू-ईट और रेडी-टू-सर्व उत्पाद तैयार किए जाएंगे।

इससे न केवल पोषण में विविधता आएगी बल्कि किसानों को मूल्यवर्धन के माध्यम से बेहतर कीमत भी प्राप्त होगी।

सिरसा के लिए गर्व का विषय

डॉ. मंजू नेहरा मूलतः सिरसा जिले के रुपावास गांव की निवासी हैं और 2007 से विश्वविद्यालय में सेवाएं दे रही हैं। उन्होंने गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार से उच्च शिक्षा प्राप्त की है।

यह उपलब्धि उनकी लगन के साथ-साथ सीडीएलयू के शैक्षणिक और सामाजिक दृष्टिकोण की मिसाल है।


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📅 दिनांक: 27 जून 2025
🖊 लेखक: संपादकीय टीम, सेवेरे समाचार
🏷 टैग्स: CDLU, Sirsa News, Incubation Centre, Food Processing, Haryana विकास

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