नाथूसरी चोपटा में डीएपी खाद के लिए मची होड़: ट्रक आते ही उमड़े किसान, पुलिस ने संभाली व्यवस्था, लाइन में लगे किसान



चोपटा । शुक्रवार को नाथूसरी चोपटा के इफको केंद्र पर डीएपी खाद के एक ट्रक के पहुंचते ही किसानों का हुजूम उमड़ पड़ा। जैसे ही खाद का ट्रक केंद्र पर पहुँचाकिसानों की भीड़ लग गईं और मौके पर अफरातफरी की स्थिति बन गई। हालात को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को बुलाना पड़ाजिसने मोर्चा संभालते हुए लाइन लगाकर खाद वितरण की प्रक्रिया को व्यवस्थित किया।


चोपटा के खाद वितरण केंद्र पर डीएपी खाद से लदा एक ट्रक आया थाजिसमें कुल 500 बैग खाद उपलब्ध थे। जानकारी के अनुसारसुबह से ही किसानों की भीड़ केंद्र के बाहर जमा हो गई थीक्योंकि क्षेत्र में लंबे समय से खाद की किल्लत चल रही थी। जैसे ही खबर फैली कि खाद का ट्रक आ गया हैनाथूसरी कलांलुदेसरतरकांवाली  के अलावा आसपास के अन्य गांवों से भी किसान ट्रैक्टरमोटरसाइकिल और पैदल केंद्र पर पहुँचने लगे।

 

किसान महेंद्र सिंह, सतवीर सिंह, केहर सिंह, भगत सिंह ने बताया कि वे सुबह से भूखे-प्यासे ही लाइन में खड़े रहेताकि उन्हें खाद मिल सके। कुछ किसानों ने यह भी कहा कि खाद ना मिलने की स्थिति में फसलें खराब होने का डर थाइसलिए वे किसी भी कीमत पर डीएपी लेना चाहते थे।

 

इफको केंद्र के सेल्ज ऑफिसर संजय कुमार ने बताया कि सुबह एक ट्रक में 500 बैग डीएपी खाद केंद्र पर पहुँचा था। जैसे ही वितरण शुरू हुआभारी संख्या में किसान केंद्र पर उमड़ पड़ेजिससे अफरा-तफरी मच गई। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए नाथूसरी चोपटा  पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुँचकर लाइन बनवाई और शांति से खाद का वितरण कराया।

 

प्रशासन ने यह व्यवस्था लागू की कि एक किसान को एक आधार कार्ड पर अधिकतम चार बैग खाद ही दिए जाएंगे। इस निर्णय का उद्देश्य अधिक से अधिक किसानों को खाद उपलब्ध कराना थाताकि कुछ लोग बड़ी मात्रा में खरीद न सकें। शाम तक वितरण चलता रहा और लगभग सभी बैग किसानों को बाँट दिए गए। हालांकि कुछ किसानों को खाली हाथ लौटना पड़ाजिससे उनमें मायूसी देखी गई।

 

किसानों की परेशानी बनी चिंता का विषय

खाद की किल्लत ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। कृषि कार्य के लिए डीएपी खाद की अत्यंत आवश्यकता होती हैखासकर इस समय जब खरीफ की फसलों की बुआई जोरों पर है। किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि केंद्र पर नियमित रूप से खाद की आपूर्ति की जाएताकि उन्हें इस प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।

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