राजकीय कन्या विद्यालय नाथूसरी कलां की 15 गांवों की छात्राओं ने पर्यावरण बचाने की ली जिम्मेदारी। NIFA Go Green अभियान के तहत पौधारोपण कर दिया हरियाली का संदेश

 



विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर नाथूसरी कलां स्थित राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में निफा (नेशनल इंटीग्रेटेड फोरम ऑफ आर्टिस्ट्स एंड एक्टिविस्ट्स) के गो ग्रीन अभियान  की शुरुआत की गई। इस अभियान में जिला प्रशासन, वन विभाग और स्थानीय स्कूलों के सहयोग से एक संगठित और प्रभावशाली प्रयास किया गया। स्कूल परिसर में पौधारोपण करते हुए छात्राओं ने पर्यावरण को हरा-भरा बनाए रखने का संकल्प लिया।



इस अवसर पर विद्यालय प्राचार्य सतवीर सिंह ढिढारिया ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रकृति मां को बचाने के लिए हर व्यक्ति का सहयोग जरूरी है। यदि हम मिलकर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लें, तो पृथ्वी को दोबारा हरा-भरा बनाया जा सकता है।उन्होंने प्लास्टिक प्रदूषण की समस्या पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हमें प्लास्टिक से बनी वस्तुओं का प्रयोग कम से कम करना चाहिए और जहां संभव हो, वहां पौधे लगाकर उनकी देखभाल अवश्य करनी चाहिए।

इस वर्ष पर्यावरण दिवस की थीम "प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करना" रखी गई है। इस थीम के तहत प्लास्टिक के बढ़ते उपयोग और उसके दुष्प्रभावों के बारे में लोगों को जागरूक किया जा रहा है। प्लास्टिक न केवल समुद्री जीवों और पारिस्थितिक तंत्र को नुकसान पहुंचा रहा है, बल्कि यह मानव स्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव डाल रहा है।

कार्यक्रम में 15 गांवों की छात्राओं ने इको क्लब, बालिका मंच जैसे संगठनों के माध्यम से भागीदारी की और पौधारोपण किया। यह अभियान केवल एक दिन का आयोजन न होकर वर्षभर चलने वाला जागरूकता कार्यक्रम है।

निफा हरियाणा के महासचिव दलबीर सिंह ने बताया कि संस्था का उद्देश्य पर्यावरण को लेकर जागरूकता फैलाना है और इस दिशा में निरंतर कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने जानकारी दी कि इस वर्ष सिरसा जिले में 50,000 पौधे लगाए जाएंगे। इन पौधों को विभिन्न स्कूलों, कॉलेजों, सामाजिक संगठनों, युवा क्लबों और मातृभूमि, गार्गी फाउंडेशन जैसे सहयोगी संस्थानों के माध्यम से लगाया जाएगा।

इसी कड़ी में दयानंद सीनियर सेकेंडरी स्कूल, नाथूसरी चोपटा में भी गो ग्रीनअभियान चलाया गया, जहां छात्रा गार्गी ने पौधारोपण अभियान की अगुवाई की। विद्यालय प्राचार्या शिखा विजेंद्र गोदारा ने स्वयं अभियान की शुरुआत करते हुए पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल पौधे लगाना है, बल्कि उनमें जन-भागीदारी बढ़ाकर भावी पीढ़ी को प्रकृति के प्रति संवेदनशील बनाना है। इससे न केवल स्थानीय वातावरण में हरियाली बढ़ेगी, बल्कि जलवायु परिवर्तन जैसे वैश्विक संकटों से निपटने में भी सहायता मिलेगी।

 

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