सकमस्टर ने विविध चरणों में उद्यमशीलता के विभिन्न सैद्धांतिक पक्षों पर विचार किया तथा अनोविज्ञान, आर्थिक सिद्धांत, समाजशास्त्र संबंधी कई उपागमों का प्रयोग किया। ऐतिहासिक संदर्भ में इस शब्द की उत्पत्ति फ्रांसीसी शब्द से हुई है, 16वीं शताब्दी के दौरान सैन्य अभियानों में जुटे हुए लोगों को उद्यमी कहा जाता है।
17 वीं शताब्दी में इस शब्द का प्रयोग सरकारी सड़क, पुल, संदरगाह और मोर्चे संबधी संविदाकारों तथा बाद में वस्तुकारों के लिए फ्रांसीसियों द्वारा किया गया। 1800 के बाद इसका प्रयोग शैक्षणिक विषय में किया जाने लगा था, क्योंकि इसका प्रयोग वार्थशास्त्रियों द्वारा किया जाने लगा।
उद्यमशीलता की सैद्धांतिक पृष्ठभूमि में वेबर और जोसेफ स्टर के विचार बहुत महत्त्वपूर्ण है। ऐसा विश्लेषण करने का प्रयास किया गया है कि सामाजिक ज्ञानी किस प्रकार पूँजीवाद के विकास और उद्यमशीलता के सिद्धांत के बारे में नए व ताजे संचार प्रस्तुत कर सकते हैं। इसके अलावा आधुनिक समाजशास्त्रियों के विचारों पर भी इस इका प्रकाश डाला गया है।
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