गुरु पूर्णिमा 2025: बाबा धूड़नाथ समाधि पर हवन यज्ञ व भंडारे का आयोजन, श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़



नाथूसरी चौपटा (सिरसा) गांव शक्कर मंदोरी में गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर श्रद्धा और भक्ति का संगम देखने को मिला, जब बाबा धूड़नाथ महाराज की समाधि स्थल पर ग्रामीणों द्वारा भव्य हवन यज्ञ व भंडारे का आयोजन किया गया। यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक था बल्कि गांव की एकता और सांप्रदायिक सौहार्द का परिचायक भी रहा।


इस अवसर पर गद्दीशीन महाराज सत्यनारायण जी ने बताया कि यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है, जिसमें गांव के सभी समुदायों के लोग एकत्र होकर बाबा धूड़नाथ जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। उन्होंने कहा, "हर साल गुरु पूर्णिमा पर यहां हवन यज्ञ के बाद सामूहिक भंडारा होता है। लोग एक साथ बैठकर प्रशाद ग्रहण करते हैं और बाबा से अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने की प्रार्थना करते हैं।"


समाधि स्थल बना श्रद्धा का केंद्र

पूर्व सरपंच हरिराम सहारण ने जानकारी दी कि बाबा धूड़नाथ महाराज लगभग 80-90 वर्ष पहले राजस्थान के छतरगढ़ से आकर शक्कर मंदोरी गांव में तपस्या करने लगे थे। ग्रामीणों के अनुसार, बाबा ने यहीं समाधि ली और तब से इस स्थान को एक सिद्ध स्थल के रूप में माना जाता है। यहां हर धर्म के श्रद्धालु पहुंचते हैं और अपनी आस्था के साथ पूजा-अर्चना करते हैं।


सेवाभाव और आयोजन में दिखी ग्रामीण एकता

इस पावन आयोजन में गांव के अनेक सेवादारों ने तन, मन और धन से सेवा की। आयोजन के दौरान हवन में आहुतियां दी गईं और उसके पश्चात सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भंडारे में प्रसाद ग्रहण किया।


इस मौके पर गद्दीशीन महाराज सत्यनारायण जी के साथ शास्त्री शंकरलाल रामसरा, योगाचार्य नरसी सहारण, मनीष कासनिया, सुरजीत सहारण, गोरी शंकर, सुरेंद्र कड़वासरा, सुखदेव सहारण, बिके मंदोरी, जोनी शर्मा, राकेश, सुरेंद्र, अर्जुन, शेरसिंह सहित अनेक ग्रामीण और सेवादार उपस्थित रहे।


ग्रामीणों की बाबा में अटूट आस्था

गांव के लोगों का मानना है कि बाबा धूड़नाथ महाराज के आशीर्वाद से ही गांव में सुख-शांति और समृद्धि बनी हुई है। ग्रामीण हर वर्ष इस दिन को बड़े धूमधाम से मनाते हैं और आने वाली पीढ़ियों को भी इस परंपरा से जोड़ने का प्रयास करते हैं।


गुरु पूर्णिमा का यह आयोजन न केवल धार्मिक आयोजन था, बल्कि यह गांव की संस्कृति, आस्था और भाईचारे का जीवंत उदाहरण भी बन गया। ग्रामीणों का कहना है कि वे आने वाले वर्षों में भी इस परंपरा को और भव्य रूप से मनाते रहेंगे।




गुरु पूर्णिमा 2025


बाबा धूड़नाथ समाधि


शक्कर मंदोरी गांव


सिरसा धार्मिक आयोजन


हवन यज्ञ और भंडारा


ग्रामीण आस्था कार्यक्रम



Post a Comment

أحدث أقدم