चोपटा क्षेत्र में नरमे की बिजाई सुस्त, खेत खाली, ग्वार-बाजरे का मौका बाकी, 35 हजार हेक्टेयर जमीन पर अब ग्वार-बाजरे की उम्मीद



सवेरा समाचार. राजस्थान की सीमा से सटे हरियाणा के सिरसा जिले के पैंतालिसा क्षेत्र में को हुई हल्की बारिश से जहां एक और गर्मी से राहत मिली वहीं करीब 27000 हेक्टेयर में सावनी की फसल को भी फायदा हुआ है। 



क्षेत्र में अब तक 23000 हेक्टेयर में बीटी नरमा, 3000 हजार हेक्टेयर में देशी कपास, 320 हेक्टेयर में मूंगफली, 80 हेक्टेयर में समर मूंग और 100 हेक्टेयर में बाजरा, 300 हेक्टेयर में चा ज्वार, और मात्र 10 हेक्टेयर में धान फसल की बिजाई की गई है. 


इस फसल को तो बारिश से संजीवनी मिल गई है। लेकिन इस बार नहरी पानी की कमी के कारण 35 हजार हेक्टेयर जमीन अभी खाली पड़ी है,किसानो को इस जमीन में बिजाई के लिए अभी ज्यादा बारिश का इंतजार है. 


अब बीटी नरमे की बिजाई का समय तो जा चूका है अब तो ग्वार या बाजरे की ही बिजाई हो सकेगी. पिछली बार नरमा कपास की बिजाई करीब 36000 हजार हेक्टेयर में बिजाई की गई थी इस बार करीब 10000 हेक्टेयर कम रह गई है.


किसानो का कहना है की क्षेत्र में बारिश से  देशी कपास व बीटी नरमे की फसल को  राहत मिली है,  वहीं लोगों को गर्मी से भी निजात मिली है। किसान महेंद्र सिंह, शिव शंकर, राकेश कुमार, जगदीश, राम कुमार ने बताया कि इस समय हो रही हल्की बारिश से सावनी की फसल को काफी फायदा होगा। 


किसानों का कहना है कि पिछले कई दिनों से धूल भरी आंधी चल रही थी जिसकी वजह फसलो को काफी नुकसान हो रहा था। अब जो बारिस हुई है इससे धूल मिटी के साथ साथ गर्मी से भी निजात मिली है। अब किसानों को फसल का उत्पादन भी ठीक होने की उम्मीद बढ़ गई है। 



 इनका कहना है की इस बार नहरी पानी में कटौती से बिजाई का क्षेत्रफल घट गया है. अब ग्वार बाजरे की ही बिजाई की जा सकेगी.   राजस्थान की सीमा से सटे पैतालिसा क्षेत्र के  कागदाना, कुम्हारिया, खेड़ी, चाहरवाला, जोगीवाला, रामपूरा नवाबाद, जसानियां, राजपुरा साहनी, गुसाई आना,  सहित कई सहित कई गांवों में हल्की बारिश हुई। 


गौरतलब हैै कि ये गांव नहरों के अंतिम छोर पर पडऩे के कारण इन गांवों की अधिकतर जमीन बिरानी है तथा सावनी की फसल मानसून की बारिश पर आधरित होती है।  किसानों ने बीटी नरमें व देशी कपास की बिजाई तो कर दी। लेकिन नहरी पानी के अभाव के कारण उसमें सिंचाई नहीं हो पा रही थी। 


किसानों का कहना है कि बारिश फसलों के लिए तो फायदेमंद  है। बारिश होने से फसलों की सिंचाई नहीं करनी पड़ेगी, बारिश से फसलों का उत्पादन भी बेहतर होगा। किसानों का कहना है कि अभी तक हल्की बारिश हुई है और ज्यादा बारिश होने पर बिरानी जमीन में ग्वार बाजरे की भी बिजाई की जा सकेगी।

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अभी बारिश का मौसम शुरू हुआ है. बारिश सावनी की फ़सल के लिए फायदेमंद है. इस बार अभी तक करीब 27000 हेक्टेयर में सावनी की फसल को भी फायदा हुआ है। क्षेत्र में अब तक 23000 हेक्टेयर में बीटी नरमा, 3000 हजार हेक्टेयर में देशी कपास, 320 हेक्टेयर में मूंगफली, 80 हेक्टेयर में समर मूंग और 100 हेक्टेयर में बाजरा, 300 हेक्टेयर में चा ज्वार, और मात्र 10 हेक्टेयर में धान फसल की बिजाई की गई है. खंड के 55 गांवों में करीब 62000 हेक्टेयर में बिजाई की जाती है, अभी भी करीब 35000 हेक्टेयर जमीन खाली पड़ी है और नरमे की फसल बिजाई का समय बीत चूका है अब बारिश होने पर ग्वार, बाजरा, मूंग की बिजाई ही की जा सकती है . – डॉ शैलेंदर सहारण कृषि विकास अधिकारी


 

 

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